जैसा की हम सभी जानते हैं कि ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर सिस्टम के आत्मा की तरह होता है और जिस तरह बिना आत्मा का शारीर का कोई मोल नहीं होता ठीक उसी प्रकार बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर भी कोई अर्थ नहीं होता है।
कंप्यूटर हार्डवेयर मैनेज करना – ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर के हार्डवेयर जैसे-कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर तथा प्रिंटर आदि को मैनेज करता है।
मेमोरी मैनेजमेंट – कंप्यूटर पर किसी भी फाइल या एप्लीकेशन को ओपन करने पर ऑपरेटिंग सिस्टम यह डीसाइड करता है कि किस प्रोसेस को कितना मेमोरी दिया जायेगा ।
फाइल मैनेजमेंट – कंप्यूटर सिस्टम में Information, Location और Status को संगठित करने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है। जिसकी मदद से हम सिस्टम पर स्टोर किसी भी फाइल को खोज सकते हैं।
सेक्योरिटी – ऑपरेटिंग सिस्टम हमारे कंप्यूटर सिस्टम को सुरक्षा भी प्रदान करता हैं, यह Unauthenticated Access से रोकता है और ऑपरेटिंग सिस्टम बूट होने पर हम पासवर्ड भी लगाया जा सकता है।
सिस्टम परफॉरमेंस – ऑपरेटिंग सिस्टम यह स्टोर करके रखता है कि किसी फाइल या एप्लीकेशन को ओपन करने में कितना समय लगता है और यह कंप्यूटर परफॉरमेंस को इम्प्रूव भी करता है।
Error ढूँढना – जब कंप्यूटर सिस्टम पर कार्य किया जाता है तो कभी-कभी इसमें कुछ एरर हो जाता है, ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसे एरर को खोजता है और रिकवर करने का काम करता है।